Friday 14 December 2018

एक चेहरे पे कई चेहरे देखे!!

एक चेहरे पे कई चेहरे देखे. .
यहां सायें भी रंग बदलते देखे
चलती फिरती लाशों के बीच,
कई कुचले ख़्वाब देखे
कई हजार अरमां उल्टे पांव जाते देखे. .

एक चेहरे पे कई चेहरे देखे. .
यहां रंग बदलते दिल भी देखे
रुख हवा का देख रुख बदलते रूप देखे
इंसान का रूप लिए कई सारे गिरगिट देखे. .

एक चेहरे पे कई चेहरे देखे. .
सामने सामने हसते बोलते इंसान देखे
पीछे पीछे खंजर लिए वही सारे हैवान देखे
बेमौत मारे गए जज़्बात और भरोसे देखे. .

एक चेहरे पे कई चेहरे देखे. .


धन्यवाद!

प्राची खैरनार.

Copyright © Prachi Khairnar.

1 comment:

  1. It is a tragedy that at times, we see the "fire" in human beings dozed off and if possible, we need to uplift their faith in their own potential.

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